सोमवार, 30 जनवरी 2017

हमारी खबर, मीडिया में छाई


पालिका प्रशासन के खिलाफ धरना आरंभ

श्री विजय नगर. ब्राह्मण नवयुग एकता मंच इकाई श्री विजय नगर का पूर्व नियोजित धरना आज नगरपालिका कार्यालय के बाहर सुबह 9:30 बजे आरंभ हो गया शांतिपूर्ण तरीके से आज पूरे दिन पालिका कार्यालय के सामने एकता मंच के कार्यकर्ता दरी लगा कर
बैठे रहे धरना देने वाले कार्यकर्त्ता योगेश राजपुरोहित , किशन लाल शर्मा तथा मोहित बब्बल शर्मा का राजस्थान ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष इंद्र मोहन ओझा द्वारा माला पहनाकर अभिनंदन किया । धरने में अनेक सामाजिक संगठनो के कार्यकर्ताओ ने उपस्थित होकर पालिका प्रशासन की कार्यवाही की निन्दा की। धरने पर पीड़ित कर्मचारी अमृत लाल शर्मा ,पार्षद श्याम लाल,  महेश देरासरी , केशव कपिला, इन्दर दत्त शर्मा , मुकेश कुमार सोनी ,बी ऍम शर्मा , देवेंद्र शर्मा , प्रवीन गोड़ , दुर्गादास शर्मा, भवानी सिंह शेखावत , दौलत रॉय, गोपाल शर्मा , कमाल मिड्ढा , हंसराज सारस्वा, श्रवण जोशी, सुरेंद्र सिंह राठौड़, अमित शर्मा , मनीष ओझा , अनुपम चोटिया , पवन शर्मा , रोशन सदेवड़ा , रोहिताश कुमार, राकेश पासवान , मनीष शर्मा , राकेश चुघ , आदि लोग धरना स्थल पर उपस्थित रहे।

शनिवार, 28 जनवरी 2017

कचरा पात्र से फैल रही गंदगी !

श्रीविजयनगर. एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश स्वच्छता का ब्रांड अम्बेसडर बनने पर उतारू है वही दूसरी ओर सरकारी संस्थान इस राष्ट्रीय महत्व के अभियान को पलीता लगाने में जुटे है। इसका एक उदाहरण हमें फेसबुक द्वारा हमारे एक पाठक द्वारा सचित्र भेजा गया है, इस संदेश को हम उन्ही के शब्दों में प्रकाशित कर रहे है--- 
कचरा पात्र ने किया सत्यानास.....

श्री विजयनगर  वार्ड नं 12-13 के बीच बने डायमंड पार्क के पास बने चौक पर जब से पालिका द्वारा कचरा पात्र रखा गया है वार्ड के इस चौक की दशा बद से बदतर हो गई है वार्ड वासियों द्वारा कई बार वहां से कचरा पात्र हटाने के लिये निवेदन किया गया था लेकिन उस कचरा पात्र को उठवाने की बजाय पार्क के दूसरे तरफ एक और कचरा पात्र रखवा दिया।
और सब से मजेदार बात तो ये है कि इस वार्ड 3-3 पार्षद धणी है फिर भी ये हाल है।


इस सामाजिक मंच फेसबुक के माध्यम से मेरा निवेदन है कि ये पार्क के दोनों तरफ रखे इन कचरा पत्रो जो हटाकर यहाँ सफाई व्यवस्था कायम कर स्वच्छ भारत की मुहिम को आगे बढ़ने में सहयोग दे।


मेडिकल रीलिफ सोसायटी की बैठक में कई प्रस्‍ताव पारित

श्रीविजयनगर. राजस्थान मेडिकल रीलिफ सोसायटी की बैठक गत दिवस सोसायटी अध्यक्ष एवं उपखण्ड अधिकारी के निर्देशानुसार, चिकित्सा अधिकारी डॉ. कमलकांत छाबड़ा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें पूर्व में पारित प्रस्तावों की पुष्टि करते हुए सदस्यगण पार्षद रामदास सोनी, ओमप्रकाश वर्मा, घनश्यामदास नागपाल, कश्मीरीलाल जग्गा आदि द्वारा अस्पताल की सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया गया। 
साथ ही कई नए प्रस्ताव पारित किए गए जिनमें ब्लड बैंक डीजी जनरेटर व रेफ्रिजरेटर रिपेयर, सफाई व्यवस्था हेतु अस्पताल को गोद देने, अस्पताल के मुख्य गेटों के पास स्थित समस्त अतिक्रमणों को हटाने के लिए जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों से पत्र व्यवहार करने, राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार, समस्त कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बायोमेट्रिक मशीन लगाने पर सहमति हुई।

शुक्रवार, 27 जनवरी 2017

श्री विजयनगर में रेल्‍वे ओवरब्रिज बनाने की मांग

श्रीविजयनगर में रेल्वे ओवरब्रिज बनाने की मांग
श्रीविजयनगर. जिला आयोजना समिति सदस्य एवं पार्षद रामदास सोनी ने केन्द्रीय रेलमंत्री को पत्र प्रेषित कर श्रीविजयनगर में ओवरब्रिज बनाने की मांग की है।
पत्र में रामदास सोनी ने कहा है कि वर्तमान में श्रीविजयनगर कस्बें की आबादी रेल्वे लाईन के दोनों ओर बसी हुई है एक ओर नगरपालिका के 18 वार्ड, अधिकांश सरकारी कार्यालय, बाजार, धानमण्डी आदि स्थित है तो दूसरी ओर कॉलेज, पेट्रोल पम्प, बस स्टैण्ड व नवविकसित कॉलोनियां स्थित है।
कृषि उत्पादन की दृष्टि से श्रीविजयनगर मण्डी समिति भी सुपर श्रेणी की मण्डी है यहां से कृषि उत्पाद पूरे भारत में भेजा जाता है। दिनभर में यात्री गाडिय़ों के साथ साथ मालगाडिय़ों के रेल्वे टद्येक पर खड़ा रहने के कारण आम जनता विशेषकर बच्चों, वृद्धों एवं महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पत्र में सोनी ने जनता को राहत दिलाने के लिए ओवरब्रिज बनाने की मांग की है।

राजनीति की भेन्ट चढ़ा वरिष्ठ लिपिक के कार्यग्रहण का मामला


श्रीविजयनगर. श्रीविजयनगर नगरपालिका में वरिष्ठ लिपिक के कार्यग्रहण का प्रकरण राजनीति के भंवर में उलझ कर रह गया है। सत्ता के मद में चूर राजनेता सरकार के आदेशों को किस प्रकार से कूड़े के ढ़ेर में डाल देते है यह प्रकरण उसका एक ज्वलंत उदाहरण है।
प्रकरण :- श्रीविजयनगर नगरपालिका के वरिष्ठ लिपिक अमृतलाल शर्मा का स्थानांतरण स्वायत्त शासन विभाग द्वारा 10.10.2016 को नोखा नगरपालिका में किया गया था। 19.10.2016 को विभाग द्वारा एक बार इस सूची पर रोक लगा दी गई। बाद में 24.11.2016 को विभाग द्वारा सूची को पुन: जारी कर दिया गया। नगरपालिका श्रीविजयनगर द्वारा 13.12.2016 को वरिष्ठ लिपिक अमृतलाल शर्मा को नगरपालिका नोखा के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया किंतु उनका स्वास्थ्य खराब होने के कारण वे नगरपालिका नोखा में कार्यग्रहण नहीं कर पाए। अमृतलाल शर्मा के स्थानांतरण के बाद नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती दिव्यांशी एवं एक दर्जन से अधिक पार्षदों ने स्वायत्त शासन मंत्री, प्रमुख शासन सचिव डीएलबी, निदेशक डीएलबी, क्षेत्रीय सांसद निहालचंद मेघवाल आदि को उनका स्थानांतरण रद्द करने के लिए पत्र प्रेषित भी किए। जिनके आधार पर दिनांक 13.01.2017 को उनका पूर्व में हुआ स्थानांतरण रद्द कर उन्हे श्रीविजयनगर नगरपालिका में ही कार्यग्रहण के निर्देश स्वायत्त शासन विभाग द्वारा दिए गए।
इन आदेशों के साथ ही नगरपालिका में राजनीतिक सरगर्मियां परवान पर आ गई। पहले तो नगरपालिका प्रशासन द्वारा स्थानांतरण निरस्त आदेशों को लेने से ही मनाही कर दी गई, रजिस्टर्ड डाक द्वारा आदेश पंहुचने पर भी दो दिन बाद प्राप्ति दिखाई गई, काफी हील-हुज्जत के बाद ईओं सीमा चौधरी ने राज्य सरकार के आदेशों को चैयरमैन के समक्ष रखा तो पालिकाध्यक्ष श्रीमती दिव्यांशी, जिन्होने स्वयं वरिष्ठ लिपिक अमृतलाल शर्मा का स्थानांतरण रद्द करने का पत्र लिखा था, ने उनकी कार्यग्रहण पत्रावली पर कार्मिक का कार्य असंतोषजनक है अत: कार्मिक अपनी उपस्थिति निदेशालय स्वायत्त शासन विभाग में देवें ऐसा लिख दिया।
अमृतलाल शर्मा ने कार्यग्रहण के लिए दिनांक 16 जनवरी से आज 27 जनवरी तक प्रतिदिन कार्यालय समय में कार्यालय में अपनी उपस्थिति देते हुए उपस्थिति रजिस्टर में उपस्थिति अंकित करवाने की मांग की, साथ ही जिला कलेक्टर, उप निदेशक डीएलबी बीकानेर, निदेशक डीएलबी बीकानेर, प्रमुख  शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग जयपुर, स्वायत्त शासन मंत्री राजस्थान सरकार को भी पत्र प्रेषित कर न्याय दिलाने की मांग की है, दूसरी ओर राजस्थान ब्राह्मण महासभा की तहसील इकाई अध्यक्ष इन्द्रमोहन ओझा के नेतृत्व में बाह्मण समाज के प्रतिनिधिमण्डल ने भी उनको कार्यग्रहण करवाने के लिए नगरपालिका अध्यक्ष एवं अधिशाषी अधिकारी से मुलाकात की जिसमें कोई हल नहीं निकला।
क्या है नियम:-
राज. नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 330(4) (ग) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि --
धारा 330(4) - नगरपालिका में निम्नलिखित विधिपूर्ण नहीं होगा
(ग) किसी अधिकारी या कर्मचारी को डयूटी ग्रहण कराने से मना कर देना या अनुमति नहीं देना, जब ऐसा कर्मचारी राज्य सरकार द्वारा स्थानांतरित या प्रतिनियुक्त किया गया हो।
जानकारों के अनुसार, स्वायत्त शासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि नगरपालिका प्रशासन से सम्बंधित प्रकरणों के निस्तारण हेतु अधिशाषी अधिकारी ही अधिकृत है क्योंकि अधिशाषी अधिकारी ही राज्य सरकार एवं नगरपालिका का प्रतिनिधि है किंतु अधिशाषी अधिकारी द्वारा राजनैतिक दबाब में जानबूझकर सरकार के निदेर्शों की अवहेलना की जा रही है।
चंद दिनों में ही कार्य कुशलता असंतोषजनक!
नगरपालिका श्रीविजयनगर के ही रिकार्ड के अनुसार, वरिष्ठ लिपिक अमृतलाल शर्मा को गत 16 सालों में कोई भी नोटिस तक जारी नहीं किया गया और ना ही किसी प्रकरण में निलम्बित किया गया है, उनके विरूद्ध कोई जांच या गबन प्रकरण विचाराधीन नहीं है ऐसे में प्रश्र उठता है कि नगरपालिका अध्यक्ष द्वारा सम्बधित कार्मिक की निजी पत्रावली का अध्ययन किए बगैर अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर विपरित टिप्पणी क्यों अंकित की गई और अधिशाषी अधिकारी श्रीमती सीमा चौधरी द्वारा अपने कर्तव्यपालन में लापरवाही बरतते हुए पालिका अध्यक्ष को सही राय क्यों नहीं दी गई?
बहरहाल राज्य सरकार के निर्देशों पर कोई कार्यवाही ना होने से जहां एक ओर नगरपालिका कर्मचारियों में रोष पनप रहा है वही दूसरी ओर ब्राह्मण समाज भी आंदोलन की तैयारियां कर रहा है।

सर्दी में भी पेयजल की किल्लत से दो चार कस्बावासी

श्रीविजयनगर. नगरपालिका क्षेत्र में गंदे पानी के खड्डे का पानी आवेरफ्लों ना हो इसके लिए प्रशासन द्वारा लिया जाने वाला निर्णय आम जनता के लिए परेशानी का सबब बन गया है। गंद पानी की निकासी के लिए वैकल्पिक प्रयास करने के स्थान पर प्रशासन द्वारा जलदाय विभाग को पेयजल सप्लाई करने की मनाही कर दी गई है। गत तीन दिनों से कस्बें में पेयजल सप्लाई ना होने के कारण भयंकर सर्दी के मौसम में भी जनता पेयजल की भारी किल्लत का सामना करने को विवश है।
जानकारी के अनुसार, नगरपालिका क्षेत्र का सारा गंदा पानी नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड न. 4 में बने खड्डे में एकत्र होता है प्रतिवर्ष जनवरी के माह में निकटवर्ती किसानों द्वारा पानी का उठाव ना करने से इस खड्डे में जलस्तर बढ़ जाता है जिस कारण से निकटवर्ती आबादी को खतरा पैदा ना हो इसके लिए नगरपालिका द्वारा पम्पसैट लगाकर पानी की निकासी की जाती है किंतु इस बार खड्डे में गंदे पानी का स्तर दिसम्बर में ही बढ़ गया, नगरपालिका द्वारा समय रहते आवश्यक प्रबंध ना करने के कारण स्थिति दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती गई, जनवरी में नौबत यहां तक आ गई कि खड्डे से गंदा पापनी ओवरफ्लों होकर निकटवर्ती बस्ती की गलियों में रूकने लग गया। आनन-फानन में नगरपालिका प्रशासन द्वारा  पहले तो तहसीलदार के सहयोग से पास की कृषि भूमि का बंधा तुड़वाया गया ताकि गंदे पानी की निकासी पास की कृषि भूमि में करवाई जा सके इसके लिए सम्बधित किसान को मुआवजे का लिखित आश्वासन भी दिया गया किंतु यहां कुछ ही देर पानी चलाने के बाद बंद कर दिया गया। इसके बाद नगरपालिका प्रशासन द्वारा निकटवर्ती वार्ड न. 3 व 4 की खड्डे से चिपती गलियों में मिट्टी के बंधे लगाकर पानी रोकने की कवायद की गई यह प्रयास भी कारगर ना होने पर नगरपालिका प्रशासन द्वारा उपखण्ड प्रशासन के माध्यम से स्थानीय जलदाय विभाग के अधिकारियों को कहलवाया गया कि वे कुछ दिनों के लिए कस्बें में पेयजल सप्लाई ना करें। प्रशासन के उक्त मौखिक निर्देशों के बाद जलदाय विभाग ने पेयजल सप्लाई पूर्णत: बंद कर दी, सर्दी के दिनों में पिछले तीन-चार दिन से पेयजल ना आने के कारण अब कस्बें में पेयजल संकट उठ खड़ा हुआ है, ठण्ड में गृहणियां आस-पड़ोस के घरों से पानी पूछती नजर आ रही है। जनता का कहना है कि प्रशासन को गंदे पानी के खड्डे को अन्यत्र स्थानांतरित कर पीडि़त निकटवर्ती वार्डवासियों को राहत देनी चाहिए ना कि अपनी नाकामी छुपाने के लिए कस्बें की जनता को प्यासा मारना चाहिए।