सर्दी में भी पेयजल की किल्लत से दो चार कस्बावासी
श्रीविजयनगर. नगरपालिका क्षेत्र में गंदे पानी के खड्डे का पानी आवेरफ्लों ना हो इसके लिए प्रशासन द्वारा लिया जाने वाला निर्णय आम जनता के लिए परेशानी का सबब बन गया है। गंद पानी की निकासी के लिए वैकल्पिक प्रयास करने के स्थान पर प्रशासन द्वारा जलदाय विभाग को पेयजल सप्लाई करने की मनाही कर दी गई है। गत तीन दिनों से कस्बें में पेयजल सप्लाई ना होने के कारण भयंकर सर्दी के मौसम में भी जनता पेयजल की भारी किल्लत का सामना करने को विवश है।
जानकारी के अनुसार, नगरपालिका क्षेत्र का सारा गंदा पानी नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड न. 4 में बने खड्डे में एकत्र होता है प्रतिवर्ष जनवरी के माह में निकटवर्ती किसानों द्वारा पानी का उठाव ना करने से इस खड्डे में जलस्तर बढ़ जाता है जिस कारण से निकटवर्ती आबादी को खतरा पैदा ना हो इसके लिए नगरपालिका द्वारा पम्पसैट लगाकर पानी की निकासी की जाती है किंतु इस बार खड्डे में गंदे पानी का स्तर दिसम्बर में ही बढ़ गया, नगरपालिका द्वारा समय रहते आवश्यक प्रबंध ना करने के कारण स्थिति दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती गई, जनवरी में नौबत यहां तक आ गई कि खड्डे से गंदा पापनी ओवरफ्लों होकर निकटवर्ती बस्ती की गलियों में रूकने लग गया। आनन-फानन में नगरपालिका प्रशासन द्वारा पहले तो तहसीलदार के सहयोग से पास की कृषि भूमि का बंधा तुड़वाया गया ताकि गंदे पानी की निकासी पास की कृषि भूमि में करवाई जा सके इसके लिए सम्बधित किसान को मुआवजे का लिखित आश्वासन भी दिया गया किंतु यहां कुछ ही देर पानी चलाने के बाद बंद कर दिया गया। इसके बाद नगरपालिका प्रशासन द्वारा निकटवर्ती वार्ड न. 3 व 4 की खड्डे से चिपती गलियों में मिट्टी के बंधे लगाकर पानी रोकने की कवायद की गई यह प्रयास भी कारगर ना होने पर नगरपालिका प्रशासन द्वारा उपखण्ड प्रशासन के माध्यम से स्थानीय जलदाय विभाग के अधिकारियों को कहलवाया गया कि वे कुछ दिनों के लिए कस्बें में पेयजल सप्लाई ना करें। प्रशासन के उक्त मौखिक निर्देशों के बाद जलदाय विभाग ने पेयजल सप्लाई पूर्णत: बंद कर दी, सर्दी के दिनों में पिछले तीन-चार दिन से पेयजल ना आने के कारण अब कस्बें में पेयजल संकट उठ खड़ा हुआ है, ठण्ड में गृहणियां आस-पड़ोस के घरों से पानी पूछती नजर आ रही है। जनता का कहना है कि प्रशासन को गंदे पानी के खड्डे को अन्यत्र स्थानांतरित कर पीडि़त निकटवर्ती वार्डवासियों को राहत देनी चाहिए ना कि अपनी नाकामी छुपाने के लिए कस्बें की जनता को प्यासा मारना चाहिए।
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